रायपुर छत्तीसगढ़ में तीन दिनों तक भारी और अनवरत
बरसात से राहत देने के बाद मानसूनी बादल फिर से
लौट रहे हैं। बुधवार से एक बार फिर बादलों की
गतिविधियां बढ़ जाएंगी। 25 अगस्त से अगले तीनचार दिनों के लिए बरसाती गतिविधियां बढ़ेगी। इस
•बार भारी बारिश की संभावना कम बन रही है।
रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक एच.पी.
चंद्रा ने बताया, मानसून का अधिकतर हिस्सा
बीत चुका है। ऐसे में वर्षा गतिविधियां अब ढलान
की ओर है। इन दो-तीन दिनों के ब्रेक के बाद एक
बार फिर वर्षा गतिविधियां बढ़ने वाले हैं। 24
अगस्त से पूरे प्रदेश में बादल बढ़ेगे। सामान्य वर्षा
होगी। 25 अगस्त से 27 अगस्त तक प्रदेश के
अधिकांश हिस्से में बरसात होने की संभावना
रही है। इस दौरान अभी भारी बरसात की संभावना
कम है। लेकिन अधिकांश स्थानों पर हल्की से
मध्यम स्तर की बरसात होती रहेगी। इसकी वजह
से हवा में नमी बनी रहेगी। तापमान भी कम होगा।
अगस्त के बाद वर्षा गतिविधियां धीरे-धीरे कम
होती जाएंगी। मौसम विभाग के मुताबिक अगस्त
महीने में सामान्य तौर पर औसतन 299
मिलीमीटर मासिक बरसात होती है। राजधानी
रायपुर में कम से कम 14 दिनों तक बरसात दर्ज
की गई है। महीने के दूसरे सप्ताह से बरसात में
व्यवधान शुरू हो जाता है।
मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को अधिकांश
स्थानों पर बरसात नहीं हुई है। रायपुर शहर,
अभनपुर, बलौदाबाजार भाटापारा, गरियाबंद,
धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, बेमेतरा, खैरागढ़,
बिलासपुर, जांजगीर चांपा, कोरबा, अंबिकापुर,
बलरामपुर, जशपुर नगर में कोई बरसात नहीं हुई।
बस्तर, सुकमा और बीजापुर में भी बरसात नहीं हुई।
सबसे अच्छी बरसात कांकेर जिले में
मंगलवार को प्रदेश की सबसे अच्छी बरसात कांकेर
जिले में हुई। मौसम विभाग ने अंतागढ़ में 29.2
मिमी और पखांजूर में 22.2 मिमी बारिश दर्ज की
है। वहीं दुर्गकोंदल में 17.2 मिमी, चारामा में 16.5
मिमी, कांकेर में 14.8 मिमी, नरहरपुर में 7.6 मिमी
और भानुप्रतापपुर में 1.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड की
गई रायपुर जिले में सबसे अधिक 6.9 मिमी
बरसात माना में रिकॉर्ड हुई। आरंग में 2.5, रायपुर
में फूलपुर के पास 1.6, लाभांडी में 1.4 और तिल्दा
मे 0.7 मिमी बरसात दर्ज हुई है।
सरगुजा-दुर्ग के पांच जिलों का संकट बरकरार
वर्षा गतिविधियों के कम होते जाने की
संभावना के बीच सरगुजा और दुर्ग संभाग
के पांच जिलों का संकट बरकरार है। इन
जिलों में सामान्य से कम पानी बरसा है।
सरगुजा जिले में तो 23 अगस्त की सुबह
तक केवल 443 मिमी पानी बरसा है।
यह सामान्य औसत वर्षा का केवल 48
प्रतिशत ही है। जशपुर में 42 प्रतिशत,
बलरामपुर में 30 प्रतिशत, कोरिया में
28 प्रतिशत और बेमेतरा में 24 प्रतिशत
कम बरसात हुई है। अगले कुछ दिनों की
बरसात में इसकी भरपाई संभव नहीं दिख
रही है। इसके अलावा प्रदेश के 18 जिलों
में सामान्य से अधिक और पांच जिलों में
सामान्य बरसात की स्थिति है।
राजस्थान और मध्यप्रदेश
में बाढ़ के हालात
छत्तीसगढ़ में 19 अगस्त से सक्रिय अवदाब उत्तरी
हिस्से से मध्यप्रदेश की ओर बढ़ गया। इस वजह से
प्रदेश में तीन दिन से हो रही बारिश का सिलसिला
सोमवार को थम गया। उधर, देश के मध्य हिस्से में
इस सिस्टम के असर से डीप डिप्रेशन बन गया है।
इससे पिछले 24 घंटे में मध्यप्रदेश और राजस्थान के
कई हिस्से में ताबड़तोड़ बारिश हो रही है। वहां
अधिकांश नदी-नाले उफन गए हैं। कई बस्तियां डूब
गई है और कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
वहीं, राजधानी रायपुर में सोमवार को मौसम साफ हो
गया। आसमान में दिनभर धूप रही। अधिकतम
तापमान भी 32 डिग्री के करीब पहुंच गया। यह
सामान्य से दो डिग्री ज्यादा है। मंगलवार को भी
राजधानी में आसमान साफ रहेगा। कहीं-कहीं पर
हल्के बादल छा सकते हैं, शाम-रात में गरज-चमक
पड़ने की भी संभावना है, लेकिन भारी बारिश की
स्थिति नहीं है। पिछले तीन-चार दिन से राजधानी में
जमकर बारिश हुई। उत्तरी छत्तीसगढ़ के ऊपर बना
सिस्टम आगे बढ़ गया है। अब प्रदेश में मानसूनी
गतिविधियां फिलहाल ज्यादा सक्रिय नहीं है। इसलिए
राजधानी में भी मौसम साफ होने लगा। पिछले 24
घंटे के दौरान 0.2 और आज दिन में 1.6 मिमी बारिश
ही हुई। माना एयरपोर्ट में आज दिन में 6.9 मिमी के
आसपास बारिश रिकार्ड की गई।
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