महासमुंद: यूँ तो रामराज्य का सपना हर सरकार दिखाती है,अब सरकार उसके लिए कितना प्रयास करती है वो अलग बात है। लेकिन रामराज्य न सही, पर न्याय पाने की आशा तो हर गरीब आदमी को भी होती है;वैसे ही न्याय की आशा में 4 साल से दर-दर भटक रहा है एक किसान, जिसका नाम है बेदलाल साव। जिसके न्याय के लिए दर-दर भटकने के बाद अब न्याय की आखिरी उम्मीद मुख्यमंत्री ही हैं।
जानकारी के मुताबिक बेदलाल साव छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिले के गाँव 'गिधामुण्डा' का निवासी है। जिसने 4 साल पहले एक साहूकार से कर्ज लिया था। जिसपर साहूकार ने धोखे से अधिक ब्याज वसूल कर लिया । बेदलाल को जब इसकी जानकारी हुई तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। लेकिन पुलिस ने इनकी शिकायत पर इमानदारी पूर्वक कार्यवाही नहीं किया और उल्टा इनको ही झूठा करार दे दिया।
पीड़ित किसान ने कहा कि मेरे आवाज उठाने से राज्य के राजस्व में 20 लाख रुयये का फायदा हुआ है।
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मुख्यमंत्री के नाम लिखा पत्र |
मुख्यमंत्री से मिलने गए तो पुलिस ने जेल भेजा
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र के अनुसार इन्होंने जब मुख्यमंत्री के भेंटवार्ता कार्यक्रम में अपनी बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखने के लिए जनदर्शन में शामिल होने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर महासमुंद जेल भेज दिया। बेदलाल पत्र में आगे लिखते है कि "पिछले 3 साल से मैं मिलने की कोशिश कर रहा हूं पर डर लगता है कि पुलिस मुझे फिर गिरफ्तार कर लेगी"। इससे पुलिस प्रशासन की लापरवाही साफ दिखती है।
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