किसान भाइयों आज हम आपको अगस्त महीने में धनिया की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं. जैसा की आप सब जानते हैं की अगस्त महीने में हमारे भारत में बारिश का मौसम होता है. और इन दिनों सब्जीयाँ उगाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. क्योंकि अधिक बरसात होने के कारण कहीं-कहीं बाढ़ भी आ जाती है. जिस वजह से वहां की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाता है. और इन दिनों यदि सबसे महंगे बिकने वाली सब्जी की बात करें तो वह है हरा धनियाँ.
जी हाँ दोस्तों बरसात के दिनों में हरी धनियाँ की डिमांड इतनी अधिक हो जाती है की यह 200 से लेकर 250 रुपये प्रति किलो के थोक के भाव से बिकती है. और वहीँ फुटकर में इसके 1 पौधे 5 रुपये से लेकर 10 रुपये में बिकते हैं. तो दोस्तों आज हम आपको धनिया की खेती से अधिक मुनाफा कमाने के लिए बताने जा रहे हैं की धनिया कब बोया जाता है, हाइब्रिड धनिया की खेती कैसे करें और अगस्त महीने में धनिया कितने दिन में उगता है. तो दोस्तों अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें. ताकि वे भी बरसाती धनिया की खेती ज्यादा पैसे कमा सकें.
बरसात में धनिया की खेती की महत्वपूर्ण बातें
अगर आप बारिश में बरसात में धनिया की खेती करना चाहते हैं और धनिया की खेती से लाभ चाहते हैं तो आपको कुछ महत्पूर्ण बातों को ध्यान रखना अति आवश्यक है.
समय से खेत की तैयारी करें
धनियाँ के उन्नत किस्मों के बीजों का चुनाव करें
समय से धनिया कैसे बोया जाता है
धनिया की खेती में खरपतवार नाशक दवा
धनियाँ की फसल को रोग और कीड़ों से बचाएं
समय से धनियाँ की कटाई
धनिया की खेती से लाभ
बरसात में धनिया की खेती कैसे करें
अगस्त महीने में धनिये की खेती करने के लिए जून, जुलाई के महीने में ही खेतों की गहरी जुताई करके छोड़ देना चाहिए, और इस प्रकार आप देखेंगे की खेतों में बहुत सारे घास और खरपतवार निकल आयेंगे इसके बाद यदि आपकी खेतों में बहुत अधिक खरपतवार हों तो इस स्थिति में कोई खरपतवारनाशी रसायन जैसे- मीरा-71, ग्लायसेल इत्यादि का धनिया की बीज बुआई से 20 दिन पहले छिडकाव कर दें.

इस प्रकार आप देखेंगे की छिडकाव के लगभग 12 से 15 दिनों में खरपतवार पूरी तरह से नष्ट हो जायेंगे. इसके बाद प्रति बिस्सा 50 kg गोबर की सड़ी खाद खेत में बिखेर दें और कल्टीवेटर से खेत की गहरी जुताई कर दें. इसके बाद खेत में धनियाँ की बुआई करने से पहले प्रति बिस्सा 1.5 kg DAP और 1 kg पोटाश डालकर रोटावेटर से खेत की जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी बना लें.
हाइब्रिड धनिया का बीज
धनियां के उन्नत किस्म के बीजों की बात करें तो आपको कृषि की दुकानों पर अनेक तरह के धनियां के बीज जैसे – हिसार सुगंध, पंत हरितमा, आर सी आर 480, जी सी 2,आर सी आर 728, मिल जाएंगे लेकिन यदि अगस्त महीने में धनिया की खेती के लिए उन्नत बीजों की बात करें तो हाइब्रिड धनिया का बीज ईस्ट-वेस्ट (east west seeds india) या गंगा सीड्स के बीजों के बुआई करनी चाहिए. अगस्त महीने में इन प्रजाति के बोने से इनमे अंकुरण जल्दी होता है.
धनिया बोने की विधि
अगस्त महीने में धनिया की बुवाई करने का तरीका कुछ अलग होता है, चूँकि इस महीने में बारिश का मौसम होता है. इसलिए अगस्त के महीने में धनियाँ की बुआई मेड़ बनाकर करना चाहिए. मुख्य खेत में मेड़ बनाने के लिए सबसे पहले छोटी-छोटी क्यारियां बना लें, उसके बाद इन क्यारी में फावड़ा से मेड़ बना लें, मेड़ बनाने के बाद धनिया के बीज बोने से पहले बीजों को 2 भागों में कर लेना चाहिए. तथा उसके बाद बीजों को अंकुरित कर लेना चाहिए उसके बाद ही धनिया के बीज को मुख्य खेत में अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में बोना चाहिए.
धनिया के बीज को अंकुरित करने के लिए सबसे पहले आपको जुट की बोरी या सूती कपड़े लेना है फिर उसमे धनिया के बीज को अच्छे से गांठ बांधकर उनकी पोटली बना लें. फिर इस पोटली को आधे घंटे के लिए पानी में भिगो दें. इस धनिये की पोटली को राख या रेत(बालू) को पानी से भिगोंकर इसे नम कर लें और इसमें धनिये की पोटली को 3 से 4 दिन के लिए गाड़ दें और ध्यान रहे की नमी जाने न पाए इसके लिए समय-समय पर पानी का छिड़काव करते रहें ताकि बालू और पोटली में नमी बनी रहे और धनिये के बीज में अंकुरण अच्छा हो.
धनिया की खेती को रोगों से कैसे बचाए
यदि किसान भाई अगस्त महीने में धनिया की बुवाई करते हैं तो आपको तो पता ही होगा की इन दिनों बरसात का मौसम होता है. जिसके कारण खेत में नमी काफी बढ़ जाती है इस वजह से फफूंद का प्रकोप अधिक होता है. इस स्थिति में जब बीजों में अंकुरण होता है तब उस समय यह देखने को मिलता है की पौधे निचे की और से गलने लगते हैं. धनिये की फसल को फफूंद से बचाने के लिए luna experience bayer(fluopyram bayer+tebuconazole bayer) 15ml/15 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें.
नमी के कारण ही मिट्टी में अनेक प्रकार के कीट उपस्थित रहते हैं जो खेत की मिट्टी को चालते हैं और मिट्टी में ही सुरंग बनाकर रहते हैं और जब ये मिट्टी में सुरंग बनाते हैं तो धनिया का पौधा की जड़ें भी प्रभावित होती हैं और पौधे सूख जाते हैं इनके रोकथाम के लिए क्लोरोपायरीफॉस कीटनाशक(chlorpyrifos 50% + cypermethrin 5% ec) 2ml/15 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें.
धनिया की कटाई
मुख्य खेत में धनिया की बुआई के 50 दिन के बाद पौधे मंडियों में बेचने के लिए तैयार हो जाते हैं. अगर आपको दूर मंडियों में इसको बेचना हो तो धनिया की कटाई हमेशा शाम को सूर्यास्त के बाद करना चाहिए. और यदि आपके पास ही सब्जी मंडी है तो आप सुबह में इसकी कटाई करके मंडियों में ले जाकर बेच सकते हैं.
अगस्त महीने में धनिया की खेती से लाभ
जो किसान barsaat ke महीने में धनिया की खेती करते हैं उनकी फसल अक्टूबर महीने में मंडियों में बेचने के लायक तैयार हो जाती है. अगस्त महीने में धनियाँ की अगेती खेती की जाती है. इस प्रकार अक्टूबर महीने में जब धनियां की कटाई होती है तो उस समय मार्केट में इसकी डिमांड इतनी अधिक होती है की मंडियों में यह 200 रूपये/किलो से लेकर 250 रुपये प्रति किलो के थोक के भाव से बिकती है. जिससे किसान को धनिया की खेती में उम्मीद से भी ज्यादा लाभ होता है.
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