भारत में सेविंग अकाउंट (Bank Saving Account) खोलने की भी कोई सीमा निर्धारित नहीं है. एक व्यक्ति कितने भी खाते खोल सकता है. इसी तरह सेविंग अकाउंट में पैसा जमा कराने की भी कोई ऊपरी लिमिट भी सरकार ने नहीं लगाई है.
बैंक के सेविंग अकाउंट में पैसे जमा कराने पर बैंक ब्याज देता है.
भारत में एक व्यक्ति कितने भी सेविंग अकाउंट खुलवा सकता है.
सेविंग अकाउंट राशि पर मिले ब्याज पर आयकर देना होता है.
नई दिल्ली. सेविंग अकाउंट (Saving Account) या बचत खाते के माध्यम से बैंक एक व्यक्ति को अपनी जरूरतों के लिए पैसा बैंक में रखने की सुविधा प्रदान करते हैं. भारत में सेविंग अकाउंट खुलवाने की कोई लिमिट नहीं है. यानी एक व्यक्ति कितने भी बचत खाते खोल सकता है. खास बात यह है कि भारत में सेविंग अकाउंट में पैसे जमा कराने की भी कोई लिमिट नहीं है. मतलब, आप सेविंग अकाउंट में चाहें जितना पैसा जमा कर सकते हैं. हां, जीरो बैलेंस खाते को छोड़कर अन्य सभी सेविंग बैंक अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य होता है. बैंक द्वारा निर्धारित राशि से कम पैसे अकाउंट में रखने पर बैंक शुल्क लेता है.
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार टैक्स और निवेश सलाहकार बलवंत जैन का कहना है कि सेविंग अकाउंट में कोई भारतीय कितना भी पैसा रख सकता है. बचत खाते में पैसा जमा कराने पर आयकर कानून या बैंकिंग रेगुलेशन्स में कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है. यही नहीं, बैंक में पैसा जमा कराने पर बैंक किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लेता, बल्कि जमाकर्ता को ब्याज देता है.
ब्याज पर देना होता है आयकर
बैंक के सेविंग अकाउंट पर रखी राशि पर जो ब्याज बनता है, उस पर बैंक अकाउंट होल्डर को टैक्स देना होता है. बैंक 10 फीसदी टीडीएस ब्याज पर काटता है. बलवंत जैन का कहना है कि ब्याज पर टैक्स चुकाना होता है लेकिन, इस पर भी टैक्स कटौती का लाभ लिया जा सकता है. आयकर अधिनियम की धारा 80 टीटीए के अनुसार सभी व्यक्ति 10 हजार तक की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं. अगर ब्याज 10 हजार रुपये से कम बना होगा तो टैक्स नहीं चुकाना होगा.
इसी तरह, 60 साल से ज्यादा उम्र के अकाउंट होल्डर को 50 हजार रुपये तक के ब्याज पर टैक्स नहीं देना होता है. अगर आपकी कुल सालाना आमदनी में उस ब्याज को मिलाने के बाद भी, आपकी सालाना आमदनी इतनी नहीं होती कि उस पर टैक्स देनदारी बन सके तो फिर आप फॉर्म 15 G जमा करके बैंक द्वारा काटे गए टीडीएस का रिफंड प्राप्त कर सकते हैं.
कितने अकाउंट होने चाहिए?
भारत में सेविंग अकाउंट खोलने की भी कोई सीमा निर्धारित नहीं है. एक व्यक्ति जितने चाहे खाते खोल सकता है. वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि एक व्यक्ति के पास तीन से ज्यादा बैंक खाते नहीं होने चाहिए. वेल्थ क्रिएटर्स फाइनेंशियल एडवाइजर्स के को-फाउंडर विनित अय्यर का कहना है कि सभी परमानेंट इनकम के लिए एक बैंक खाता होना चाहिए. रोजाना के खर्चों के लिए पति-पत्नी एक संयुक्त खाता खुलवा सकते हैं. तीसरा खाता व्यक्तिगत खर्चों के लिए भी खोला जा सकता है. अय्यर का कहना है कि तीन से ज्यादा बैंक अकाउंट रखने में कोई समझदारी नहीं है.
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