नवापारा(राजिम): छत्तीसगढ़ के प्रयागराज त्रिवेणी संगम तट पर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक धरा नवापारा राजिम में सावन के आते ही सम्पूर्ण नगर भक्तिमय हो जाता है. भक्तिरस के प्राण संचार से समम् गूंजते इस नगर के चहूं ओर भगवा रंग से रंगे कपड़ों में कांवडिया टोलियां सावन के आगमन का अहसास दिला देती है।
बोल बम की गूंज से अनुगूंजित इस नगर में स्व. सेठ रेखराज चतुर्भुज अग्रवाल द्वारा इस नगर को समर्पित श्री राधाकृष्ण मंदिर में तो सावन के महीने में एक ओर श्रावण झूले का मनोरम दृश्य एवं दूसरी ओर प्रतिदिन भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते भक्तजनों की भीड़ उमड़ी रहती है।
स्थानीय श्री राधाकृष्ण मंदिर में विगत कई वर्षों से देवाधिदेव महादेव के सहस्त्रधारा जलाभिषेक का अलौकिक आयोजन होता है और सम्पूर्ण नगर बोल बम की नारों से गूंज उठता है। श्रावण के महीने में इस वर्ष भी सातवें सावन सोमवार को सहस्त्रधारा जलाभिषेक का भव्य आयोजन किया गया। इस अलौकिक कार्यक्रम में नगर के सभी धर्मों के अनुयायियों के साथ ही बाहर से आये कांवड़िये भी उमड़ पड़े। महानदी की अबाध धारा में सतत प्रवाहित चित्रोत्पला पुण्य सलिला त्रिवेणी संगम तट को केले के झाड़ों, आम पत्तों के तोरण एवं भगवा झंडियों से सजाया गया था। नदी के मध्य एक घाट का निर्माण लकड़ी के पाटों से किया गया था।
विशाल मानव श्रृंखला का किया गया निर्माण
नगर की महिलाएं सर्वप्रथम मिट्टी के कलशों पर जलधारा लेकर सहस्त्रधारा के लिए जल संग्रह करके, सर पर कलश लिए जल लेकर आगे बढती गई और सहस्त्रधारा घाट से श्री राधाकृष्ण मंदिर तक जल संचय हेतु विशाल मानव श्रृंखला बनी, जो लगभग 900 भक्तों की थी। इसमें शामिल होने के लिए भक्तजन टूट पड़े। बोल बम के नारों की गूंज के मध्य आस्था एवं उत्साह से लोग घाट से मंदिर तक एक हाथ से दूसरे हाथ बाल्टियां देते हुए मंदिर तक पहुंचाते थे तो वह दृश्य तो देखते ही बनता था, लोग रास्ते में खुशी से नाच उठते थे।
सम्पूर्ण नगर में इस दिव्य धार्मिक अनुष्ठान के प्रति लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। साथ ही अंचल के ग्रामों से भी हजारों लोग एकत्र थे। प्रातः 11.00 बजे से 2.00 बजे तक लगातार चलने वाले इस अलौकिक आयोजन में यजमान के रुप में प्रियंका अग्रवाल, प्रणय अग्रवाल, भारतीय अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, बिट्टू अग्रवाल, कान्हा गोयल, श्रुति गोयल आदि उपस्थित थे। स्थानीय पं. केशव महाराज ने विधिवत सहस्त्रधाराभिषेक यज्ञ पूर्ण कराया।
हजारों की संख्या में उपस्थित जनसमूह के मध्य मानव श्रृंखला द्वारा जल संचय के अलावा लोग स्वयं दौड़कर घाट से मंदिर तक जल पहुंचा रहे थे। सभी ओर बोल बम का घोष हो रहा था; हर वर्ग एवं हर उम्र का व्यक्ति अपनी क्षमतानुसार जल संचय हेतु जुटा था।
इस हजारों की भीड़ में धमाल बाजे के साथ कावडियों की टोली आई एवं सावन के सातवें सोमवार को अट्ठारह हजार पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर विसर्जन किया गया। सहस्त्रधारा जलाभिषेक में भंडारे का आयोजन श्री गोपाल अग्रवाल द्वारा किया गया एवं अशोक अग्रवाल देवरी वालों की ओर से दाल, चावल, तेल एवं आटा भी दिया गया।
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