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बादल फटना क्या है ? कैसे फटता है बादल ? जानिए अमरनाथ गुफा में कैसे हुआ हादसा ?


अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम 5:30 बजे बादल फटने से 15 लोगों की मौत हो गई है । जिस समय बादल फटा , उस समय गुफा के पास 10 से 15 हजार श्रद्धालु मौजूद थे ।  

पहाड़ों पर बादल फटने की घटनाएं अक्सर देखने को मिलती है. ये प्राकृतिक आपदा खासकर बरसात के दिनों में देखने को मिलती है. कई बार बादल फटने की घटना से जान-माल का भारी नुकसान देखने को मिलता है. लेकिन लोगों के मन में इस बात को लेकर हमेशा कौतुहल बना रहता है कि आखिर क्या सच में बादल फटता है? अगर बादल फटता है तो क्या होता है? आखिर बादल कैसे फटता है? तो आज हम इस घटना से संबंधित आपके मन में उठ रहे सभी सवालों का जवाब देंगे ।

आखिर क्या होता है बादल फटना ?

बहुत कम समय में हो जाती है बहुत तेज बारिश : 

बादल फटने की घटना में बहुत कम समय में अत्‍यधिक बारिश होती है। इस दौरान कभी-कभी ओले भी गिरते हैं और तूफान तक आ जाता है। आमतौर पर बादल फटने के कारण कुछ मिनट में इतनी तेजी बारिश होती है कि कुछ किलोमीटर के हिस्‍से में कुछ ही मिनटों में बाढ़ की स्थिति हो जाती है। इस दौरान इतना पानी बरसता है कि क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि बादल फटने की घटना साधारण तौर पर धरती की सतह से 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर होती है. अगर बारिश के दौरान करीब 100 मिलीमीटर प्रति घंटे की दर से बारिश होती है तो उस स्थिति को बादल फटना कहते है।

तकनीकी शब्‍द है 'बादल फटना'

'बादल फटना' वास्तव में, सबसे तेज़ बारिश के लिए यह मुहावरा के रूप में प्रयोग किया जाता है. यह एक तकनीकी शब्‍द है. वैज्ञानिक तौर पर ऐसा नहीं होता कि बादल गुब्बारे की तरह या किसी सिलेंडर की तरह फट जाता हो.

अगर उदाहरण के तौर पर समझें तो जिस तरह पानी से भरा गुब्‍बारा अगर फूट जाए तो एक साथ एक जगह बहुत तेजी से पानी गिरता है ठीक वैसी ही स्थिति बादल फटने की घटना में देखने को मिलती है. इसे प्राकृतिक घटना को 'क्‍लाउडबर्स्‍ट' या 'फ्लैश फ्लड' भी कहा जाता है.

कब घटित होती है यह घटना ?

बादल फटने की घटना तब होती है जब भारी मात्रा में नमी वाले बादल एक जगह इक्कठा हो जाते हैं. ऐसा होने से वहां मौजूद पानी की बूंदें आपस में एक साथ मिल जाती हैं. बूंदों का भार इतना ज्यादा हो जाता है कि बादल की डेंसिटी बढ़ जाती है. डेंसिटी बढ़ने से अचानक तेज बारिश शुरू हो जाती है. 

पहाड़ों पर क्‍यों ज्‍यादा फटते हैं बादल ?

दरअसल, पानी से भरे बादल जब हवा के साथ आगे बढ़ते हैं तो पहाड़ों के बीच फंस जाते हैं. पहाड़ों की ऊंचाई इसे आगे नहीं बढ़ने देती है. पहाड़ों के बीच फंसते ही बादल पानी के रूप में परिवर्तित होकर बरसने लगती है. चूकि बादलों का डेंसिटी इतना अधिक होता है कि तेज से तेज बारिश शुरू हो जाती है. 

 कैसे बचें जान-माल के नुकसान से ?

बादल फटने के दौरान जान-माल का भारी नुकसान देखने को मिलता है. जान-माल के नुकसान को कम करने के लिए मौसम विभाग की ओर से कई तरह के सुझाव दिए जाते हैं. बारिश के मौसम में ढलानों पर नहीं रहना चाहिए. ऐसे मौसम में समतल जमीन वाले क्षेत्रों में रहना चाहिए. जिन पहाड़ी क्षेत्रों में जमीन दरक गई हो, वहां वर्षा जल को घुसने से रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए.


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