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मंत्रियों की बढ़ेगी मुश्किल: ट्रांसफर पर बैन के बावजूद सरकार की अनुमति के बिना मंत्रियों ने किए थे तबादले,..


सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग प्रमुखों से 24 अगस्त 2019 से अब तक हुए तबादलों की जानकारी मांगी है।


रायपुर। सामान्य प्रशासन विभाग की एक

चिट्ठी ने कई मंत्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

ट्रांसफर पर बैन के दौरान कई मंत्रियों ने

समन्वय में अनुमोदन के बिना ट्रांसफर किए

थे। विभागों से जब डिटेल आएगी तो

खुलासा हो जाएगा कि किस विभाग से

कितने तबादले किए गए हैं। चार मंत्रियों के

विभाग में सबसे ज्यादा तबादले की बात

सामने आ रही है। एक विभाग में तो प्रथम

श्रेणी से लेकर निचले स्तर तक एक हजार से

ज्यादा तबादले किए गए। इसमें बड़ा खेल

होने की बात कही जा रही है।



प्रदेश में पिछले तीन साल से ट्रांसफर पर

प्रतिबंध है। इस दौरान जरूरत के मुताबिक

समन्वय में स्वीकृति के बाद ट्रांसफर की

मंजूरी होती है। इसके बावजूद कई मंत्रियों ने

अपने स्तर पर समन्वय से अनुमोदन कराए

बिना धड़ल्ले से ट्रांसफर किया। भीतरखाने

में यह खबर है कि ट्रांसफर से बैन हटाने के

लिए मंत्रियों की ओर से भी लगातार मांग की

जा रही थी, जिसके बाद सच्चाई जानने के

लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने विभागों से

डिटेल रिपोर्ट मांगी है। बाकायदा टाइम

लिमिट के साथ पत्रक भी दिया गया है,

जिसके आधार पर रिपोर्ट देनी है।


सामान्य प्रशासन विभाग ने कोरोना से पहले

27 जून 2019 को ट्रांसफर पॉलिसी लागू

की थी। इसके बाद से लगातार बैन है। बड़ी

संख्या में कर्मचारी अधिकारी ट्रांसफर के

लिए कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है

कि इस दौरान एक भी ट्रांसफर नहीं हुए।

ट्रांसफर पर बैन होने की स्थिति में मुख्यमंत्री

से समन्वय में अनुमोदन के बाद ट्रांसफर

करने का नियम है, लेकिन कई मंत्रियों ने

समन्वय में अनुमोदन के बिना भी ट्रांसफर

किया है। इस दौरान ट्रांसफर पोस्टिंग में बड़े

खेल की भी बात आ रही है। बिना अनुमोदन

के धड़ाधड़ ट्रांसफर किए गए। मंत्रियों के

दबाव में विभाग के अधिकारियों ने तबादले

किए थे। वे भी राडार में आ सकते हैं।


चुनावी साल  कोरोना और कार्यताओं का दबाव


ट्रांसफर की प्रक्रिया अमूमन जुलाई से पहले

पूरी कर ली जाती है, क्योंकि इसके बाद

स्कूल खुल जाते हैं और ट्रांसफर-पोस्टिंग में

बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। फिलहाल

राज्य में स्कूल खुल चुके हैं। यदि ट्रांसफर से

रोक हटाई जाती है तो प्रक्रिया पूरी करने में

महीने दो महीने लग जाएंगे। यानी अगस्तसितंबर तक पूरा हो पाएगा। अभी कोरोना

के केस बढ़ने की वजह से भी सरकार

ट्रांसफर से बैन हटाने के पक्ष में नहीं दिख

रही है। कर्मचारियों अधिकारियों की इच्छा

के साथ-साथ कार्यकर्ताओं का भी दबाव है,

क्योंकि अगले साल मई-जून में ट्रांसफर से

बैन हटाने के बजाय निर्वाचन आयोग की

प्रक्रिया के मुताबिक वैसे भी चुनाव से पहले के

तीन साल से जमे अधिकारी कर्मचारियों को

हटाना होता है। मंत्री - विधायक अपने क्षेत्र में

कुछ करीबियों को लाना चाहते हैं, जिससे चुनाव में ऑफ द रिकॉर्ड मदद मिल सके

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